दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय रंग दर गयो
*रंग डारि गयो सांवरिया*
रंग डारि गयो सांवरिया सखी होरी में,हाँ री होरी में सुन री होरी में।
लाल हरा मुझको रँग डारा,रँगा है नीला-पीला।
मला गुलाल गाल पर मोरे,तन-मन कर गयो गीला।
रँग डारि गयो साँवरिया..........।
पनियाँ भरन मैं कैसे जाऊँ,कान्हा डगर मेरी है रोकी।जब-जब एकली निकरूँ घर से,छलिया करे है ठोंका-ठोंकी।
रँग डारि गयो सांवरिया.......।
कान्हा मोसो करि बरजोरी,छूटी बिंदिया नथ मोरी टूटी।
मोड़ गयो मेरी नरम कलाइयां,चूनर टाँग गयो है खूँटी।
रंग डारि गयो सांवरिया........।
रंँग प्रेम का सब पर डारा,रहा न कोई कोरा।हर नारी होरी में राधा,सगरे नर हैं नंद के छोरा।
रँग डारि गयो सांवरिया.......।
राजबाला 'धैर्य'बरेली (उ प्र)
Alka jain
01-Mar-2023 07:22 PM
Nice
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Sushi saxena
22-Feb-2023 07:23 PM
बेहतरीन
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Varsha_Upadhyay
22-Feb-2023 07:01 PM
शानदार
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